मीराबाई चानू दूसरी बार ओलंपिक पदक से चूकीं, पेरिस खेलों में चौथे स्थान पर रहीं

पेरिस ओलंपिक 2024 में मीराबाई चानू भार उठाते हुए

भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चानू पेरिस खेलों में महिलाओं के 49 किग्रा भार वर्ग में अपने दूसरे लगातार ओलंपिक पदक से थोड़े अंतर से चूक गईं, और चौथे स्थान पर रहीं। उनके इस प्रयास ने उन्हें एक बार फिर से सभी के दिलों में बसा दिया, भले ही वे पदक नहीं जीत पाईं।

इवेंट का अवलोकन

साउथ पेरिस एरीना, पेरिस एक्सपो में आयोजित इस प्रतियोगिता में मीराबाई ने अपने पहले प्रयास में 85 किग्रा उठाया। यह एक अच्छा शुरूआत थी, और मीराबाई सहज दिख रही थीं। जब बार को 88 किग्रा तक बढ़ाया गया, तो उन्होंने दूसरे प्रयास में इसे उठाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सकीं। अपने तीसरे प्रयास में, उन्होंने 88 किग्रा उठाने में सफलता प्राप्त की।

पेरिस ओलंपिक 2024 में मीराबाई चानू भार उठाते हुए

मीराबाई चानू का प्रदर्शन:

मीराबाई चानू ने पेरिस ओलंपिक 2024 में अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया। भारतीय भारोत्तोलन में अपनी क्षमता को सिद्ध करते हुए, चानू ने स्नैच इवेंट में 85 किलोग्राम वजन उठाया। हालांकि, 88 किलोग्राम का वजन उठाने में उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद, उन्होंने तीसरे प्रयास में 85 किलोग्राम सफलतापूर्वक उठाया, लेकिन यह उनके मीराबाई चानू प्रदर्शन को पदक दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं था।

क्लीन एंड जर्क इवेंट में भी चानू ने अच्छा प्रदर्शन किया। पहले प्रयास में उन्होंने 111 किलोग्राम और दूसरे प्रयास में 110 किलोग्राम का वजन उठाया। तीसरे प्रयास में 114 किलोग्राम पर असफल रही, जिसके परिणामस्वरूप उनका कुल योग 199 किलोग्राम रहा। मीराबाई चानू चौथा स्थान प्राप्त करने के बावजूद, उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें भारतीय खेल प्रेमियों के बीच एक विशेष स्थान दिलाया।

पदक की होड़:

चौथे स्थान पर रहते हुए मीराबाई चानू ने भारतीय एथलीट्स की मान्यता बढ़ाई। थाईलैंड की सुओरडचाना खंबाओ ने 200 किलोग्राम वजन उठाकर कांस्य पदक प्राप्त किया, जबकि चाइना की होउ झिहुई ने 206 किलोग्राम के साथ स्वर्ण पदक जीता। चानू का कुल योग 199 किलोग्राम था, जो उन्हें पेरिस ओलंपिक 2024 में पदक से एक किलोग्राम दूर कर गया।

भविष्य की तैयारी:

मीराबाई चानू का पेरिस ओलंपिक 2024 में प्रदर्शन उनके भविष्य की संभावनाओं को उजागर करता है। उनके चौथे स्थान ने दर्शाया कि वह आगामी प्रतिस्पर्धाओं में और भी शानदार प्रदर्शन कर सकती हैं। उनके अगले कदम और प्रशिक्षण पर सभी की नजरें रहेंगी, क्योंकि वे अगली बार पदक जीतने के लिए अपनी तैयारी में जुटी हैं।

निष्कर्ष:

मीराबाई चानू का भारतीय भारोत्तोलन में चौथे स्थान पर रहना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उनकी कठिन मेहनत और उत्कृष्ट प्रदर्शन ने साबित कर दिया कि वे भविष्य में और भी बड़ी सफलताएं प्राप्त कर सकती हैं। हम उनकी आगामी प्रतिस्पर्धाओं के लिए उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।

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